कंगना जी & her team,1955 में सत्यजीत रे की पाथेर पांचाली को पैरलेल सिनमा का आग़ाज़ माना जाता है। उनके साथ मृणाल सेन & ऋत्विक घटक इस सिनमा के parents माने जाते हैं। 70 के दशक में न्यू वेव सिनमा आया (मणि कौल, कुमार शाहणी, सईद मिर्ज़ा, श्याम बेनेगल, कुंदन शाह etc.), साथ ही साथ 1/n https://t.co/iAQSWp2VUG
— Swara Bhasker (@ReallySwara) July 21, 2020
साथ साथ Middle cinema में साई परांजपे जी इत्यादि, फ़ारूक़ शेख़ सर, दीप्ति नवल जी, अमोल पालेकर साहब यादगार चेहरे हैं। 2000 के बाद के बदलते बॉलीवुड सिनमा में, मैं पीपली liveभेजा फ़्राई, खोसला का घोंसला को पैरलेल स्पेस में मानती हूँ। क्वीन (2013) मेरे लिए मेन्स्ट्रीम फ़िल्म थी। 2/n https://t.co/iAQSWp2VUG
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तनु वेड्ज़ मनु के साथ आपने, आनंद राय & हिमांशु शर्मा ने कमर्शल मेन्स्ट्रीम बॉलीवुड को एक नया रूप दिया। kudos! नहीं, क्वीन पैरलेल सिनमा नहीं। रही बात फ़ेमिनिस्ट फ़िल्मों की तो English Vinglish (2012), क्वीन के पहले आयी थी। Sridevi जी & गौरी शिन्दे को श्रेय मिलना चाहिए। 3/n fin 💜 https://t.co/iAQSWp2VUG
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