Last night we
told you that Amitabh Bachchan had visited Lilavati Hospital for a routine
check-up. The superstar is in the pink of health and shared a blog post about
it…
Sharing it on
Twitter, he wrote, “T 2610 - To all of them that express concern I am in
wellness you may learn I wrote a Blog verse last night in refrain, You may
visit it here, from rumour abstain It is in Hindi, a language I speak Shall
translate in English, but efforts are meek ! https://tmblr.co/ZwrX5v2U_B-tK ."
T 2610 -
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) February 10, 2018
To all of them that express concern
I am in wellness you may learn
I wrote a Blog verse last night in refrain,
You may visit it here, from rumour abstain
It is in Hindi, a language I speak
Shall translate in English, but efforts are meek ! https://t.co/A4IgEIWfXp pic.twitter.com/bQDNb4uq7N
Here’s the blog post:
“जी हाँ जनाब मैं अस्पताल जाता हूँ, yes , your ‘excellencies’ I do go to hospitals ( ‘janab’ ‘huzoor’ are rank titles, as in Excellency used for Kings & Heads of State ; respect and honour titles .. they originated from the Persian language .. often in Hindi speech we use them to address personnel colloquially, sometimes with respect, sometimes tongue in cheek .. here it is respect, addressed to all that read this missive).”
Amitabh Bachchan
“बचपन से ही इस प्रतिकिया को जीवित रखता हूँ , वहीं तो हुई थी मेरी प्रथम पयदाइशि चीत कार वहीं तो हुआ था अविरल जीवन का मेरा स्वीकार इस पवित्र स्थल का अभिनंदनकरता हूँ मैं, जहाँ इस्वर बनाई प्रतिमा की जाँच होती है तय, धन्य है वे,” he further wrote.
“धन्य हैं वे, जिन्हें आत्मा को जीवित रखने का सौभाग्य मिला, भाग्य शाली हैं वे जिन्हें , उन्हें सौभाग्य देने का सौभाग्य ना मिला, बनी रहे ये प्रतिक्रिया अनंत जन जात को,ना देखें येकभी अस्वस्थता के चंडाल को पहुँच गया आज रात्रि को Lilavati के प्रांगण में देव समान दिव्यों के दर्शन करने के लिए मैं विस्तार से देवी देवों से परिचय हुआ,” read the post.
“उनकी वचन वाणी से आश्रय मिला निकला जब चौ पहियों के वाहन में बाहर, रास्ता रोको’ का ऐलान किया पत्र मंडली ने , हम जर्जर चका चौंद कर देने वाले हथियार बरसाते हैं ये.मानो सीमा पार कर देने का दंड देना चाहते हैं वे,” further read the post.
“समझ आता है मुझे इनका व्यवहार; समझ आता है मुझे, इनका व्यवहार, प्रत्येक छवि वार है ये उनका व्यवसाय आधार, बाधा ना डालूँगा उनकी नित्य क्रिया पर कभी, प्रार्थना हैबस इतनी उनसे मगर , सभी नेत्र हीन कर डालोगे तुम हमारी दिशा दृष्टि को. यदि यूँ अकिंचन चलाते रहोगे अपने अवज़ार को हमारी रक्षा का है बस भैया, एक ही उपाय ,” he further wrote.
“इस बुनी हुई प्रमस्तिष्क साया रूपी कवच के सिवाय,” he wrote on a concluding note.
Image Source:Manav Mangalani